कवि कर्मवीर सिंह लाखलाण 'पातवान' लिखित कविता जिसका शीर्षक * तेरी जिंदगी * जरूर पढ़े

Anmol  Magazine -  तेरी जिन्दगी

            उड़े मनोच्छा खुलें गगन में
            शुद्ध हवा हो तेरी जिन्दगी

विचरे निर्विरोध खुलें थल में
सावन-हरी हो तेरी जिन्दगी

              बहे वेखौफ खुलें सागर में
             अथाह जल हो तेरी जिन्दगी

गूंजती है एक आवाज़ मेरी दिल में
तु जैसा चाहे वैसे चले तेरी जिन्दगी

✍🏼 कर्मवीर सिंह लाखलाण 'पातवान'

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