नजरअंदाजी यानी अपराध को बढ़ावा -- सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता डॉ नूपुर धमीजा पढ़िए पूरी खबर

Anmol Magazine ____ 

 
सोसाइटी में छोटी-छोटी बच्चियों के साथ हो रही रेप की घटनाओं को नजरअंदाज करने के कारण ही इस तरह के मामले को बढ़ावा मिल रहा है. यह बात सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता डॉ नूपुर धमीजा ने कही. वे नागपुर के होटल तुली इंटरनेशनल में आयेाजित 'नवभारत पावरफुल वुमन समिट' में मुख्य अतिथियों में शामिल थी। 

अपने संबोधन में कहा कि दुष्कर्म पीडितों की आत्मा पर चोट होती है, एक गहरा दाग होता है. फिर चाहे पीडित बच्ची हो या महिला. कोविड काल के लाकडाउन के दौरान ऐसी कई घटनायें हुए लेकिन केवल कोरोना वायरस की डर और असर बताया गया. कई छोटी बच्चियों के साथ हुए दुष्कर्म और जानलेवा हमलों को नजरअंदाज कर दिया गया. यह नजरअंदाजी ही ऐसे जघन्य अपराध को बढ़ावा देती है.

एड. डॉ नूपुर धमिज़ा ने कहा कि हमने अपने एनजीओ नारी शक्ति एक नई पहल के माध्यम से पिछले करीब 3 वर्षों में 800 से ज्यादा महिलाओं और 300 से ज्यादा दुष्कर्म पीड़ितों को निशुल्क न्याय दिलाया है. एक 3 वर्षीय बालिका से यह जघन्य अपराध करने वाले को फांसी तक सजा दिलवाई है. समय की मांग है कि हम सब मिलकर समाज के ऐसे अपराधियों को नजरअंदाज ना करें. साथ ही बच्चियों को गुड टच, बैड टच के बारे में जानकारी दे और सतर्क रखें

  प्रोग्राम  में विविध क्षेत्रों की दिग्गज महिला हस्तियों ने विचार  व्यक्त किये. इन दिग्गजों में नागपुर की विभागीय आयुक्त विजयालक्ष्मी बिदारी, ज्वाइंट सीपी अस्वती दोरजे, अभिनेत्री किशोरी शहाणे, एम्स डायरेक्टर विभा दत्ता, इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस की डायरेक्टर डॉ. अंजलि राहटगांवकर, डॉ. विनीता जैन, उपजिलाधीश आशा पठान, एसआरएम (एपी) की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. प्रियंका सिंह शामिल थीं.

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !