पीपल मैन डॉ. रघुराज प्रताप सिंह ने अपने मित्रों के साथ मिलकर वज़ीराबाद उत्तरी दिल्ली " में खाने कि बर्बादी को रोकने के लिए शुरू किया जन जागरूकता अभियान

Anmol Magazine __

 पीपल मैन ने पिछले कुछ वर्षों सें वैश्विक पटल पर खाद्य पदार्थ के संकट को देखते हुए और भारत में आनेक लोगों को पोषण युक्त भोजन नहीं मिलने कि वजह सें कुपोषण के शिकार होते देख और लाखों लोगों के भूखे रहने कि खबरों सें विचलित होकर "सार्वजनिक हित में एक कदम मानवता कि ओर" अभियान कि शुरुआत 2021 में शुरू किया था जिसका मुख्य उद्देश्य था "थाली में भोजन उतना ही ले जितना आप खा सकें।

पैसे जरूर आपके हैं संसाधन सभी के हैं।" कि शुरुआत नेहरू विहार के होटलों सें शुरू हुई मुहीम आज पुरे भारत में एक जन जागरूकता अभियान बन चुका हैं। पीपल मैन डॉ. सिंह सें बात-चीत पर डॉ. सिंह ने बताया कि पहले इस मुहीम में मैं अकेले था और पर्यावरण संरक्षण और पेड़ लगाने के साथ मुझें ज्ञात हुआ कि यंहा मुख़र्जी नगर,नेहरू विहार,वज़ीराबाद में भारत के अधिकतम राज्यों सें लाखों विद्यार्थी "अफसर बनने " का सपना लेकर यंहा आते हैं और माता- पिताजी बच्चों कि सुविधा के लिए उन्हें पर्याप्त धन भी भेजते और देते हैं

 
स्टूडेंट उसका सही उपयोग भी करते हैं लेकिन कभी -कभी पढ़ाई के तनाव कि वजह सें जो कुछ विद्यार्थी होटल में सुबह-शाम का खाना खाते खाते वह तनाव में आ जाते है या कंहे अज्ञानता कि वजह सें या पर्याप्त धन कि बर्बादी,धन का अभिमान जिससे खाना थाली में ही छोड़ देते हैं जिससे वह भोजन किसी काम का नहीं रह जाता हैं डस्टबिन में चला जाता हैं इन सभी घटनाओं को देखते हुए पीपल मैन डॉ. सिंह ने बताया कि मेरे ह्रदय में एक विचार आया कि क्यों ना मैं जन जागरूकता अभियान चलाऊ "डोन्ट वेस्ट फ़ूड"का क्योंकि मुझें मालूम हैं अपने देश कि हकीकत आज भी कई रिपोर्ट्स आती हैं जिनमें बताया ज्यादा कि कई लाख लोगों को पोषण युक्त अच्छा भोजन प्राप्त नहीं हो पाता हैं। और जिनके पास धन हैं वह उसका दुरूपयोग करते हैं इसलिए मैंने सोचा कि अगर मेरे इस अभियान सें अगर कुछ विद्यार्थी ही अवगत होंगे तो शयद हम उनके हिस्से का भोजन उनको दे सकते हैं जो भूखे सोते हैं क्योंकि संघ लोक सेवा आयोग कि तैयारी किताबों तक सिमित नहीं हैं अगर आप अपने कर्ताव्यों का सही सें निर्वहन करते हैं तो वह आपके भविष्य में व्यक्तित्व में झलकता हैं और जब आप आईएएस/आईपीएस अफसर बनते हैं तो वह आपके चरित्र के माध्यम सें राष्ट्र निर्माण में सहभागी हो जाता हैं और इसकी शुरुआत आपके विद्यार्थी जीवन सें ही होती हैं इसलिए मैंने इस मुहीम को शुरू कर दिया और जब मैं फीड बैक लेने समय समय पर उन होटलों में जाता जंहा मैंने पर्चे लगाये थे तो मुझें होटल मालिक/कर्मचारी बताते कि इस मुहीम सें काफ़ी अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा हैं और वह मुझे इस काम के लिए धन्यवाद देते तो मुझें बड़ी प्रसन्नता होती और मैं और दोगुना उत्साह के साथ इस अभियान को आगे बढ़ाता चला गया आज कई मित्र इस अभियान सें जुड़ चुके हैं। जैसे मधुबनी बिहार सें दिल्ली में रहकर संघलोक सेवा आयोग कि तैयारी कर रहें अनुराग जी आज इस अभियान में अपना योगदान देते हुए सभी होटलों में जन जागरूकता अभियान को आगे बढ़ाते हुए सभी होटलों में पम्प लेट लगाये और सभी सें आग्रह किया कि थाली में भोजन उतना ही ले जितना खा सकें यह मेरा सभी मित्रों और परिजनों सें आग्रह हैं और सहयोगी मित्र आकाश यादव उत्तर प्रदेश ने भी कई होटलों में पम्प लेट चिपकाये और कई विद्यार्थियों और होटल मालिकों सें आग्रह किया कि शरीर के लिए भोजन जितना महत्वपूर्ण हैं उतना ही महत्वपूर्ण हैं आने वाली पीढ़ी के लिए संसाधन और भोजन बचाकर रखना क्योंकि आज कई अन्य देशों में खाद्य पदार्थ का संकट मडरा रहा हैं इसलिए हमें भोजन को बर्बाद होने सें बचाना होगा क्योंकि लाखों भारतीयों को पोषण युक्त भोजन तो दूर दो वक़्त का भोजन नसीब नहीं होता,वही संघ लोकसेवा आयोग कि तैयारी कर रहें कौशल कुमार जी बुलंदशहर उत्तर प्रदेश ने कंहा कि शिक्षा का महत्व तभी हैं जब जीवन कि मूलभूत आवश्कता का मुख्य पदार्थ को बचाया जाये और सभी को पोषण युक्त भोजन उपलब्ध कराया जाये तभी शिक्षा का मूल उद्देश्य पूर्ण होगा वही संघ लोकसेवा आयोग कि तैयारी कर रही नेहा जी मधुबनी बिहार ने सभी होटलों मालिकों और विद्यार्थियों सें आग्रह किया कि हमें अपने लिए नहीं तो आने वाली पीढ़ी को ध्यान में रखकर संसाधनों का स्तेमाल करना होगा अन्य कई स्टूडेंट्स ने साथ में इस मुहीम को आगे बढ़ाने के लिए संकल्प लिया।

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