माता पिता को यह जानना जरूरी हैबाल शोषण किया है :डॉ.ज्योतिआनन्द

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आज के समय में अक्सर माता पिता को यह लगता है कि बाल शोषण केवल बहार के लोग या केवल रिश्तेदार करते हैं, पर सच्चाई यह भी है कि माता पिता भी अनजाने में अपने बच्चों के साथ शोषणकर देते हैं

अब सबसे पहले हमें यह जानना होगा कि आखिर बल      शोषण किया होता है? माता पिता या कोई लोगो को लगता है कि केवल शारीरिक शोषण ही बाल   शोषण है पर सचाई यह है कि बाल   शोषण के काई प्रकार होते हैं जेसे:-शारीरिक शोषण ,यौन शोषण ,भावनात्मक शोषण ,या बाल उपेक्षा
 
शारीरिक शोषण:- अक्सर माता पिता बच्चों को मारते हैं पीटते हैं ,चोट पहुंचाते हैं, हिंसक तरीके से हिलाना, जलाना, धक्का देना ,यह सब करते हैं, या बात बात पर थप्पड़ मार देते हैं।यह शारीरिक शोषण  मैं आता हैइसलिए में हमेशा माता पिता को सही सलाह देती हु की माता पिता अपने बच्चो के साथ शांत रहे और गलती होने पर बच्चों को प्यार से समझाए, 
 
इंटरपोल के आंकड़ों के अनुसार, भारत ने वर्ष 2017 से 2020 तक ऑनलाइन बाल शोषण के 24 लाख से अधिक मामले दर्ज किए, जिनमें से लगभग 80% मामले 14 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों के थे.
 
यौन शोषण: यौन शोषण करने वाला अक्सर बहार का कोई व्यक्ति या कोई क़रीबी व्यक्ति हो सकता है, यौन शोषण जब किसी बच्चे के शरीर उनके शरीर गुप्ताओं का गलत तरीके से छूना, गुप्तांओं के अंदर उँगली करना, कोई चीज़ डालना, लिंग डालना, ओरल सेक्स करना , प्राइवेट पार्ट्स को दबाना यौन शोषण में आता है, इसमें माता पिता को सलाह दूंगा कि अपने बच्चों को उनके प्राइवेट पार्ट के बारे में जानकरी दे, या गुड टच बेड टच के बारे में बताएं, अगर बच्चे के व्यवहार को कोई परिवर्तन दिखता है तो बच्चे से खुलकर बात करें , हमेशा बच्चों से दोस्ती वाला रिश्ता रखें ताकि बच्चा अपनी हर एक बात अपनी माता पिता से बिना डरे खुल कर बात करें।
 
भावनात्मक शोषणः
अकसर माता पिता बच्चों को रिश्तेदरो के सामने, उनके दोस्तों के सामने, डॉट देते हैं या मर देते हैं, बच्चे के बोलने पर उन्हें शांत बिठा दिया जाता है, उन्हें अनदेखा कर देते हैं, ऐसे में बच्चे के आत्म सम्मान या भावनात्मक स्थिति को नुकसान होता है, इस बात को वो दिल दिमाग में बिठा लेते हैं, जिसे क्राइम करने लगता है बच्चा, बड़े होने पर गुस्से वाला बन जाता है ऐसे में माता पिता का फर्ज होता है कि वो अपने बच्चों की बात ध्यान से सुने उनको बोलने का मोका दे,
 
बाल उपेक्षाः
 
इस्मे माता पिता बच्चों को पेट भर खाना नहीं देते, बाकी बच्चों से दूर रखते हैं, घर के अंदर केद कर के रख देते हैं, बीमार होने पर डॉक्टर के पास नहीं लेकर जाते हैं, स्कूल नहीं भेजते हैं।
 
ऐसे में माता पिता को सलाह है कि बच्चों की सही समय पर भोजन दे एजुकेशन दे  बीमार होने पर बच्चों को समय पर डॉक्टर को दिखाये
 
 
कई मामलों में, बाल दुर्व्यवहार किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा किया जाता है जिसे बच्चा जानता है और जिस पर भरोसा करता है। ऐसे मामलों में दोषी अक्सर एक माता-पिता या अन्य रिश्तेदार हो सकते हैं। अगर आपको बाल शोषण पर संदेह है, तो उसे रोकने और बच्चे की मदद करन के लिए उचित अधिकारियों को इसकी सूचना दें

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